चलो आज कर लेते हैं बँटवारा
तुम मेरे हिस्से की खुशियां रख लेना
मैं ले लूँगी तुम्हारे हिस्से के सारे ग़म
तुम अपनी आधी ज़िन्दगी मेरे नाम कर देना
मैं दे दूंगी मेरा आधा जीवन, तुम्हे कागज़ में लपेट कर|
एक आखिरी तोहफा मांग लूँ तुमसे?
तुम्हारी यादें बांटने को मत कहना
बदले में अगर तुम मुझे भुला दो, तो तुम्हारी मर्ज़ी|
अच्छा, सपनों को भी तो बांटना होगा ना.....
ऐसा करते हैं,
जो पूरे हो गए वो तुम रख लो
और जो अधूरे रह गए
वो मेरी ज़िम्मेदारी|
चलो आज कर लेते हैं बँटवारा
तुम्हारी कुछ अमानतें महफूज़ हैं मेरे पास
जब दिल करे, आकर ले जाना
तुम्हारे साथ बिताए पल ,
दो सफ़ेद लिफाफों में बंद कर दिए हैं
एक तुम्हारे पते पर भेज दिया है
और एक रख दिया है, मेरी बुकशेल्फ में|
पहली मुलाक़ात का पल तुम्हारे हिस्से आया है
और आखिरी मुलाक़ात मेरे
बहुत वक़्त लगा मुझे ये तय करने में ,
कि किन लम्हों पर किसका ज्यादा अधिकार है
यकीन करो, इस बंटवारे में मैंने दिखाई है
ज़रुरत भर की ईमानदारी|
फिर भी, तुमहें अगर शिकायत हो तो
बदल लेंगे परस्पर अपने हिस्से
आखिर जो मेरा है, उस पर थोड़ा अधिकार तुम्हारा भी है ना
तुम्हारी बेपरवाही को,
मेरी आदत सबसे ज्यादा थी
और मेरे अंतरद्वंद को, तुम्हारी|
तो तय रहा कि आज से ये बेपरवाही मेरी
और अंतरद्वंद तुम्हारा|
चलो आज कर लेते हैं बँटवारा
चलो बाँट लेते हैं अब
कुछ कसमें और वादे भी
वादे जो जीवित हैं, वो सब तुम्हारे
और कसमें जो टूट गईं,
वो मेरी विरासत बनेंगी
मैंने पूरी कोशिश की है कि
तुम्हारे हिस्से में आएं,
मेरे हिस्से से ज्यादा रंग
मेरे हिस्से से ज्यादा खुशियां|
और अब मैं अपनी कलम से
इस बंटवारे की उद्घोषणा करती हूँ
और घोषणा करती हूँ मैं
हमारे सम्बन्ध विच्छेद की|